Archive for September, 2013

Tuhjko Chalna hoga

Posted: September 20, 2013 in Uncategorized

This songs lyrics is my fuel of wakefulness.
जब मेरी माँ ने अपनी करधनी को पाँच सौ रूपाये में बेंच कर, मुजह पाँच सौ पूरा देदीया और कहा की अगर इतना ज़िद्द कर रहा है। तो ले ये रुपये और “जा कलकत्ता पढ़ने देखा बाबू हम तो नाइखी जानत की तू कौन पढ़ाई करबा, नाटक वातक के, लेकिन हम जानत तानी की तू चोरी के पढ़ाई न पढ़ ब , माँ बहुत भोली है मेरी हमने बचपन में खूब बेवकूफ़ भी बनाएँ है लेकिन माँ बाद में बोलती थी कि -हम जानबूझ के बेवकूफ़ बनात रहनी है की तू सब खुश होबा सा। खैर माँ बोली कलकत्ता पाहूञ्च कर, चिट्ठी लिखना और अपना ख्याल रखना । माँ को मैंने झूठ बोला था की मैं कलकत्ता में अपने मित्र के घर पर रहूँगा । पर वहाँ तो न कोई मेरा मित्र था और न ही मुझे ये पता था की कलकत्ता में दूसरी भाषा भी बोली जाती है ….आगे बाद में ……….।
हुया हूँ की जब मैं ट्रेन पर बैठा इलाहाबाद से तो मेरे विचारों के और हिम्मत बांधने वाले उम्र में काफी बड़े साथी अजीत बहादुर छोटे स्टेशनों के प्लातेफ़ोर्म पर तो साइकिल भी लोग ले आते हैं । ठीक येसे ही अजित दद्दा भी साइकिल लेकर पाहूञ्चे और मैं जनरल डिब्बे में खिड़की के पास बैठा था………..और अचानक मन में ये गाना चल रहा था …की आरे नदिया चले चले रे धारा और तब से लेकर आज तक ये गाना मेरे लिए उस ट्रेन की पटरी बन गयी जहां मेरे सपनों की ट्रेन चलेगी …….. जरूर चलेगी ।
माँ तुम्हारी खूब याद आ रही है , मैं तुम्हारा इलाज करवाने शहर जल्दी आऊँगा …. और तुम्हारे इस ताकत ने मुझे मेरे अंदर एक ललक पैदा की है की …. अगर सच में अगर दुबारा जन्म होता होगा , तो मैं चाहूँगा माँ बनाना ।

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Posted: September 16, 2013 in नाटक

Silent Story -1

Posted: September 16, 2013 in नाटक

आर्तों का जन्मदिन विगत दो दिन पीछे चला गया। एवं आर्तों के जन्म दिन के उपलक्ष में यह वीडियो है ।