चुप्पी के इस अवतार में , सरकार के कारोबार में, चुप्पियों के इस पुरातन और नए फैशन में, एक चुटकी चुप्पी तोड़ने के लिए , चलो चुप्पी को एक चित्कार से रूबरू करवाते हैं… एक चुप्पी को तोड़ने के लिए एक मूठठ चित्कार ज़रूरी है।
Rajkumar
Tonk 6/10/15
चुप्पी के इस अवतार में , सरकार के कारोबार में, चुप्पियों के इस पुरातन और नए फैशन में, एक चुटकी चुप्पी तोड़ने के लिए , चलो चुप्पी को एक चित्कार से रूबरू करवाते हैं… एक चुप्पी को तोड़ने के लिए एक मूठठ चित्कार ज़रूरी है।
Rajkumar
Tonk 6/10/15
If you got some matter without own need
Then matters are creating illusion
Rajkumar Rajak
Tonk
1:11
1/10/15
प्रलय के इस तूफ़ान में जला है मेरा गाँव -3
गाँव मेरा घर
ये गाँव मेरा घर
पानियों की आस में जला है मेरा घर -2
जला है मेरा तन
जला है मेरा मन
इन पानियों की आस में जला है मेरा मन
जले हैं मेरे सपने
जले हैं मेरे अपने
इन पानियों की आस में जले हैं मेरे अपने
जले हैं मेरे सपने
पानियों की आस में जले हैं मेरे सपने
ये आस मेरी प्यास है
जले हैं मेरे सपने-2
इन पानियों की आस में जला है मेरा मन
जले हैं मेरे सपने
ये सपने मेरे अपने
इन बेड़ियों को तोड़ चला है मेरा मन
चला है मेरा मन
ये आस मेरी प्यास है
जले हैं मेरे सपने
जले हैं मेरे अपने
इन पानियों की आस में जला है मेरा मन
जले हैं मेरे सपने जले हैं मेरे अपने
राजकुमार
टोंक
5/6/2016
ख़तरा
जब ज़िंदगी सीधी लाइन पर चले
तो भाप लेना की कोई ख़तरा है
ज़िंदगी में अगर सरगर्मी की असर नदारद है
तो भाप लेना यह अंतिम क्षण है
तो भाप लेना की तुम अब कुछ भाप ही नहीं सकते
तुम्हें भापने के लिए इस सीधी लाइन को टेढ़ी करनी होगी
जहां से ख़तरा शुरू होता है ।
फिर कह लेना की तुम ज़िंदगी की सांस ले रहे हो।
राजकुमार
सिरोही
20 जनवरी, 2016