एक कहानी की दास्ताँ
(अखबार कटिंग साभार दैनिक जागरण )
देश के तमाम मुख्यमंत्री और मुख्य सरकार भारत को इंग्लैंड, अमेरिका और जापान बना देंगे कहने से थकते या चूकते ही नहीं। जबकी भारत के हृदय में अपनी ज़िंदगी के लिए जद्दोजहद से जूझता अकेला सुनसान और शोषित भारत इन्हे दिखता ही नहीं। पहले अपने घर को तो जान ही लो फिर इसका कुछ भी नाम कारण करते रहना। बंगाल की मुख्यमंत्री जब सत्ता के रथ पर सवार हुईं तो कृष्ण वेश धर यह भविष्य वाणी कर दीं की मैं ही महामाया हूँ अर्जुन इस कोलकाता को मैं इंग्लैंड बना दूँगी। अब यह मुख्यमंत्री रूपी कृष्ण के अपने राजनैतिक कुंठाओं के कारण उसे लगता है कि केवल कोलकाता ही बंगाल है। जबकी बंगाल अभी भी उन संकटों से जूझ रहा है। जो कभी प्रगति के पुल को पार कर गईं थी। और अर्जुन यानि मुख्यमंत्री के कार्यकर्ता। इनको जब यह मालूम हुआ की ये कृष्ण रूपी मुख्यमंत्री ही महामाया हैं। तब अर्जुन ने आत्मा अजर अमर है नदी इसे भीगा नहीं सकती और अग्नि इसे जला नहीं सकती के तर्ज़ पर इन अर्जुनों ने समूचे कोलकाता सह बंगाल को रक्तरंजिश कर दिया।
ठीक इसी तरह दो मुख्य अवतारों के माफिक एक तीसरा अवतार भी लंबे समय के बाद उत्तर प्रदेश में हुआ। आप जब उत्तर प्रदेश आएंगे और भरतपुर से लेकर बलिया तक की एक यात्रा करेंगे या इस प्रदेश में कहीं भी तो आप को पता चल जाएगा की ये अवतार कितने गन्दे इलाकों में हुए हैं। जबकी स्वच्छ भारत का शीर्षक गान हम सबके कानों में गूँजता रहता है। या इन इलाक़ो को देख आप विश्वास भी नहीं कर सकेंगे की यह अवतारी शहर के रेलवे स्टेशन से लेकर एक सुलभ तक का हाल खस्ता हो पड़ा है। पर क्या करें मेरा देश तो अवतारों का देश है ख़ैर इस तरह के दूसरे डिपार्टमेन्ट के अवतार वाले देश भी हैं। जहां अभी भी ले दना दन चल ही रहा है।
ख़ैर देश के सेकेण्ड अवतार के बाद तीसरा अवतार मोदी के चरणामृत से उत्पन्न हुआ है। कई युगों पीछे वाले अवतारों की कहानी के सुत्रधार है ये इस युग के तीसरे अवतार योगी साहब जो पुरातन ज्ञान की एक असीम शृंखला हैं। अब क्या करे मोदी महकमे के हैं तो इनके विचरण पर तो एक ही फर्क पड़ेगा कि ये पहनेगे नये खोल पर बजाएँगे पुराने ढ़ोल।
यह अवतार पुत्र भी उत्तर प्रदेश की पुलिस को साइबर का प्रशिक्षण दे रहे हैं और कानून-व्यवस्था में सुधार का परचम लहरा रहे हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस को साइबर का तो प्रशिक्षण दे रहे हैं लेकिन जो पुलिस अनायास ही गरीबों के माँ –बहन का ज़बानी बलात्कार कर देते हैं। जब की देश को माँ के पर्यायवाची के साथ जोड़ा जाता है। तब भी ये पुलिस वाले ऐसा क्यों करते हैं। इसलिए करते हैं की ये केवल एक नौकरी है एक पेशा है बस इससे ज़्यादा और कुछ नहीं। ये सुरक्षा किसको देंगे ये पहले से अनकहे तौर पर तय है और र्ये अपनी ताकत आज़माइश किस पर केरेंगे ये भी ऐतिहासिक रूप से तय है।
बड़े आश्चर्य की बात है की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को यह सब बखूबी ज्ञात है की ये पुलिस कैसी है फिर भी वो बह रही है आपने निरंतर धून में। फिर जनमानस में विश्वास कहाँ से लाएँगे। जब इनका कोई ज़मीर ही नहीं। अगर ज़मीर का अभाव है तो अभी इंग्लैंड मत बनाइये सबसे पहले शिक्षा और संवैधानिक मूल्यों का विस्तारण करिए। इंग्लैंड बनाने का मतलब केवल दौड़ भाग करने का मैदान नहीं, बल्कि लोकतन्त्र को मजबूत बनाइये और जन मानस में इनका विश्वास भी।
उत्तर प्रदेश के इस तीसरे अवतार को यह समझना चाहिए की यह इंग्लैंड नहीं जहां पुलिस वाले को साइबर का प्रशिक्षण दे रहे हैं। पहले उनको इस तरह का प्रशिक्षण दें की ट्रक वाले के केबिन में हाथ बढ़ा अपना काम ना चलाएं, किसी रिक्शे वाले को, किसी बेरोज़गार युवा को यूं ही अनायास ही उनपर अपने चतुराइयों और पिटाइयों के स्टाइल का प्रयोग ना करें। और इन सबके साथ उन्हे संविधान के मुकयों को पहले जानने –समझने का प्रशिक्षण मुहैया कराएं। ना की केवल मारने –पीटने के प्रशिक्षण। उनको बाताएँ की उसका क़द संविधान से बड़ा नहीं। तभी तो आप इंग्लैण्ड के स्थान पर अपना राज्य, अपना देश बाना पाएंगे। यह तब हो सकेगा जब आप अपने पुराने अवतारी खोल से निकल लोकतन्त्र में एक बार जन मानस के दिक़्क़तों और संघर्षों की बुलंद आवाज़ बनेंगे।
राजकुमार रजक